अमरावती : केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच लंबित द्विपक्षीय विवादों (andhra pradesh-telangana dispute) के समाधान के लिए मंगलवार को दिल्ली में विभिन्न केंद्रीय विभागों के सचिवों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव समीर शर्मा और तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार भी नॉर्थ ब्लॉक में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेंगे. ये जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने यहां दी.सूत्रों ने बताया कि यह पहला मामला है जब केंद्र सरकार ने बैठक के लिए एक 14 सूत्री एजेंडा तय किया है, जिसमें बड़े विवादित मुद्दों को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून (एपीआरए), 2014 के तहत उठाया जाएगा. चर्चा के दौरान जिन मुद्दों को उठाकर संभावित समाधान किया जाएगा उनमें सरकारी निगमों और कंपनियों का बंटवारा (एपीआरए,2014 की 9वीं अनुसूची के तहत सूचीबद्ध), सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी का बंटवारा, आंध्र प्रदेश हेवी मशीनरी इंजीनियरिंग लिमिटेड, नकदी और बैंक में जमा राशि, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत आने वली राशि और बाह्य रूप से सहायता प्राप्त परियोजनाओं से जुड़ा सार्वजनिक कर्ज शामिल है. अनुसूची-नौ के तहत कुल 89 निगम हैं और अनुसूची-10 के तहत 107 संस्थान हैं. बंटवारे के बाद से ही दोनों तेलुगु भाषी प्रदेशों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर गतिरोध रहा है खासकर नदी जल और संपत्तियों के बंटवारे को लेकर. वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री बनने के शुरुआती कुछ महीने के बाद ही जगन मोहन रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ दोस्ताना रुख दिखाते हुए उम्मीद जताई थी कि दोनों राज्यों के बीच विभाजन बाद के विवाद निश्चित रूप से सुलझा लिए जाएंगे. केंद्र सरकार ने कहा है कि वह विवादों के समाधान में केवल 'एक समन्वयक' के रूप में कार्य कर सकती है. हालांकि, भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव दोनों राज्यों के बीच अनसुलझे मुद्दों को लगातार संसद में उठाते रहे हैं.
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