कोलकाता: राजधानी में एक पांच मंजिला इमारत देर रात ताश के पत्तों की तरह ढह गई. इस हादसे में अभी तक दो लोगों की मौत की खबर है. इस बीच खबर है कि 10 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. इमारत के पास की झुग्गियों में रह रहे लोगों के इसकी चपेट में आने की आशंका है. फिलहाल राहत बचाव अभियान जारी है.
शहर में देर रात एक निर्माणाधीन इमारत गिरने के बाद कम से कम 10 लोगों को बचाया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. आधी रात के आसपास गार्डन रीच इलाके के हजारी मोल्ला बागान में पांच मंजिला इमारत ढह गई. अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है जो मलबे में फंसे हो सकते हैं.
कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने घटनास्थल का दौरा किया और बचाव अभियान का जायजा लिया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'रविवार देर रात गार्डन रीच इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई. हमने कुछ लोगों को बचाया है. बचाव अभियान अभी भी जारी है. मौके पर एंबुलेंस तैनात कर दी गईं.'
स्थानीय लोगों के अनुसार जो सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले थे उन्होने कहा कि इमारत गिरने से पहले इसके कंक्रीट के टुकड़े गिरे थे. इमारत ढहते ही तेज आवाज हुई और धूल का घना बादल इलाके में छा गया. उन्होंने बताया कि मलबा घनी आबादी वाले इलाके में आसपास की झोपड़ियों पर गिरा. एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'हालांकि निर्माणाधीन इमारत में कोई नहीं रहता था, लेकिन यह बगल की झुग्गियों पर गिर गई.
हमें डर है कि कई लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हो सकते हैं.' एक्स पर एक पोस्ट में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, 'मैं बंगाल के सचिव होम, सीपी कोलकाता से तत्काल बचाव और राहत के लिए पश्चिम बंगाल राज्य आपदा प्रबंधन टीम को शामिल करने का आग्रह करता हूं.' उन्होंने कहा, 'मुझे संभावित हताहतों के बारे में घबराहट भरे फोन आ रहे हैं. कृपया किसी भी टीम को भेजें जो पीड़ितों को बचाने में मदद कर सके, चाहे वह अग्निशमन कर्मी हों, पुलिस या कोई अन्य टीम.'
ममता ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि दक्षिण कोलकाता के मेटियाब्रुज इलाके में पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से वह दुखी हैं. उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जारी है. कोलकाता नगर निगम के गार्डन रीच क्षेत्र में एक निर्माणाधीन इमारत के ढहने की घटना के बारे में जानकर दुख हुआ. हमारे मेयर, अग्निशमन मंत्री, सचिव और पुलिस आयुक्त, पुलिस, अग्निशमन, आपदा प्रबंधन अधिकारी और टीमें (एनडीआरएफ, केएमसी और केपी टीमों सहित) आपदा को कम करने के लिए रात भर साइट पर रहे हैं. उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया.
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