जयपुर न्यूज़: राजस्थान के जल जीवन मिशन घोटाले में PHED ने ED को रिपोर्ट सौंप दी है,जिसमें जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार में पदमचंद जैन और महेश मित्तल के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के तीन साल का रिकॉर्ड ईडी को उपलब्ध करवाया है.ऐसे में अब ईडी की जांच में कई अहम खुलासे हो सकते है.
तीनों चीफ इंजीनियर ने भेजी ईडी को रिपोर्ट
राजस्थान के जल जीवन मिशन का बट्टा बैठाने वाली श्रीश्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म पर ईडी का शिकंजा और मजबूत होता जा रहा है.जलदाय विभाग ने इरकॉन के प्रमाण पत्रों के 3 साल की रिपोर्ट ईडी को भेज दी है.
चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया,चीफ इंजीनियर प्रोजेक्ट संदीप शर्मा और चीफ इंजीनियर जल जीवन मिशन दलीप कुमार गौड़ ने पूरी ईडी को सौंपी है.जिसमें दोनों फर्मों की 2020 से 2023 तक के तीन साल की टैंडर की रिपोर्ट भेजी है.ईडी के डिप्टी डायरेक्टर आनंद प्रकाश ने जलदाय विभाग को पत्र लिखकर पूरी रिपोर्ट मांगी थी.
श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म ने रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के बाद में इरकॉन के प्रमाण पत्र कहां कहां लगाए.दोनों फर्मों द्वारा टैंडर में लगाए गए इरकॉन के सभी प्रमाण पत्रों की प्रतियां ईडी को उपलब्ध करवाई गई.
इसके अलावा दोनों फर्मो की उच्च स्तरीय कमेटी,जिसमें तत्कालीन डीएस गोपाल सिंह,चीफ इंजीनियर दलीप गौड़ और फाइनेंस एडवाइजर केसी कुमावत की जांच रिपोर्ट ईडी को उपलब्ध करवाई गई है.वहीं दोनों फर्मों के टैंडर एनआईटी नंबर,वर्क आर्डर,किसने पैमेंट किया,कहां कहां इरकॉन के सर्टिफिकेट लगाए गए,ये पूरा इनपुट ईडी को उपलब्ध करवाया है.
फर्जी प्रमाण पत्र से,यहां यहां लिए टैंडर
सूत्रों की मानें तो दोनों फर्मों ने 900 करोड के टैंडर इरकॉन के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र से हासिल किए थे.जिसमें जगतपुरा में 81.80 करोड़,सवाई माधोपुर में 16.85 करोड,नीमकाथाना में 23.87 करोड़ और 23.81 करोड़ के टेंडर, खो नागोरियान प्रोजेक्ट 53.28 करोड़,शाहपुरा में 6.19 करोड,नागौर में 93.15 करोड़,85.77 करोड,सीकर में 14.65 करोड़, अजीतगढ़-श्रीमाधोपुर में 21.38 करोड़,खंडेला में 23.81 करोड़ के टैंडर हासिल किए थे.
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