अंगों की खरीद-फरोख्त मामले में फर्जी एनओसी जारी करने वाले एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) आरोपी गौरव सिंह ने कई खुलासे किए हैं। एसीबी सूत्रों की मानें तो गौरव ऑर्गन कॉर्डिनेटरों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों और उनके असिस्टेंट के भी संपर्क में था। एसीबी को गौरव से बरामद रिकॉर्ड और चैट से इनके साथ लेन-देन के इनपुट मिले हैं। ऐसे में एसीबी ने बैंकों से इनके खातों की डिटेल मांगी है। माना जा रहा है कि बैंक खाते अब कई राज खोलेंगे।
उधर, अंग तस्करी के मामले में जयपुर पुलिस की धीमी पर भी सवाल उठ रहे हैं, जबकि हरियाणा पुलिस आगे बढ़कर काम कर रही है। जयपुर से ही विदेशी डोनर और रिसीवर किडनी ट्रांसप्लांट करवाकर विदेश लौट जाते थे और किसी को भनक तक नहीं लगती थी। सीएम फ्लाइंग और गुरुग्राम पुलिस ने सबसे पहले एक होटल से डोनर और रिसीवर को गिरफ्तार किया और अब 4 दिन पहले रैकेट चलाने वाले दलालों मुर्तजा अंसारी और मोहन को पकड़ने के लिए एसआईटी का भी गठन कर दिया। हैरत की बात है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का गिरोह होने के बावजूद दलालों की तलाश के लिए जयपुर पुलिस ने अभी तक एसआईटी नहीं बनाई है।
बता दें कि गौरव से 250 फर्जी एनओसी जब्त की गई थी। इसी के आधार पर एसीबी ने डॉक्टरों व अन्य के 10 मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव रिकॉर्ड लेने के लिए एफएसएल भेजे थे, ताकि मामले में कौन-कौन डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के लोग शामिल हैं, पता चल सके। पुलिस ने 4 अप्रैल को हरियाणा के गुरुग्राम के होटल में पकड़ाए 5 किडनी डोनर-रिसीवर लाकर पूछताछ कर ली और अब एसीबी द्वारा पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग की FIR में देरी, पुलिस की SIT गठन में
4 अप्रैल को हरियाणा में हुए खुलासे के 2 दिन बाद जयपुर पुलिस ने गुरुग्राम से तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजी थी। विभाग 10 तक 'लीगल ऑपिनियन' के नाम पर धीमी चाल से विश्लेषण ही करती रही। मामला दूसरे राज्यों के साथ अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा है, लेकिन पुलिस ने एसआईटी अभी तक नहीं बनाई।
हरियाणा पुलिस ने एसआईटी भी बना दी, जयपुर पुलिस खाली हाथ
हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने 4 अप्रैल को सीएम फ्लाइंग ने होटल में डोनर-रिसीवर सहित 5 बांग्लादेशियों को पकड़ा। पूछताछ की तो अंग खरीद-फरोख्त सामने आई। जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में अवैध ट्रांसप्लांट होने की बात सामने आई। हरियाणा पुलिस टीम जयपुर आई। फोर्टिस हॉस्पिटल से रिकॉर्ड लिया। हरियाणा पुलिस ने दलाल मुर्तजा अंसारी को नामजद कर तलाश शुरू की। आईपीएस (डीसीपी) के नेतृत्व में 27 अप्रैल को एसआईटी तक का गठन कर दिया।
राजस्थान में एसीबी ने फर्जी एनओसी मामले का खुलासा कर 1 अप्रैल को एसएमएस के एएओ गौरव सहित 4 को पकड़ा था। अब एफएसएल भेजे गए मोबाइल- लैपटॉप-पेन ड्राइव से रिकॉर्ड का इंतजार हो रहा। जयपुर पुलिस ने हरियाणा में खुलासे के बाद अंग तस्करी पर एक रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी। 10 दिन बाद 10 दिन बाद 17 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने एफआईआर करवाई। फोर्टिस, ईएचसीसी व मणिपाल हॉस्पिटल से रिकॉर्ड जब्त कर 'गोपनीय' जांच कर रहे हैं। एसआईटी नहीं बनाई।
बड़े स्तर पर गोपनीय तरीके से काम कर रही टीम
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया- हमारी टीम पूरे नेटवर्क को क्रेक करने के लिए बड़े स्तर गोपनीय तरीके से काम कर रही है। विदेश जा चुके लोगों को एम्बेसी बुलाकर वीसी से बयान लेंगे। आरोपियों के बारे में अनुसंधान कर अग्रिम कार्रवाई के लिए भारत सरकार से अनुमति ली जाएगी। फरार दलालों को पकड़ने लिए छापेमारी की जा रही है।
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