कार्यक्रम की शुरुआत में जिला कलेक्टर नमित मेहता ने सम्मेलन में भाग लेने आए अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन शैली में तनाव की अधिकता हो गई हैं, कोशिश करें कि ऐसी चीजों से जुड़े जिससे मन शांत रहे और जीवन में तनाव पर लगाम लगाई जा सके. उन्होंने कहा कि व्यवहार में संयम रखें साथ ही क्षमा करना सीखें, क्षमा करने से मन का बोझ हल्का होता हैं. धैर्य रखें, गांधीजी के विचारों को जीवन में उतारे. हिंसा से न सिर्फ जिसके साथ हिंसा होती है उसका नुकसान होता है. बल्कि जो हिंसा करता है, उसका सबसे ज्यादा नुकसान होता हैं. प्रशिक्षण से मिले अच्छे विचारों को आप अपने जीवन में धारण करें और दूसरों से भी साझा करें.
मुख्य वक्ता शंकरलाल माली ने समाज और राष्ट्र के लिए संवेदनशील होने की बात कही. उन्होंने कहा कि दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम की संकल्पना भारत ने ही दी. प्रत्येक मनुष्य के साथ प्रत्येक जीव के प्रति दया भावना रखें मन वचन कर्म से किसी भी प्रकार की हिंसा न करें.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.