राजस्थान: सरकारी अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए सरकार ने एनपीए यानी नॉन प्रैक्टिस अलाउंस उठाने वाले डॉक्टर्स के नाम अस्पतालों में सार्वजनिक करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. लगातार सीएम, सीएस और चिकित्सा एसीएस तक एनपीए उठाने वाले डॉक्टर्स की प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस की शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने आदेश जारी कर सख्ती से आदेश की पालना के निर्देश दिए हैं.
NPA उठाने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ होगी कार्रवाई :
सीएस सुधांश पंत के एसएमएस अस्पताल में विजिट के दौरान भी एनपीए उठाने वाले डॉक्टर्स का मामला सामने आया था, जिसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई की बात कही थी. इसके साथ ही एसएमएस अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने भी कहा था कि एसएमएस में कोई डॉक्टर नहीं आए उस पर तो कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन कोई बाहर क्या कर रहा है इसका पता लगाना मुश्किल है. हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसा मामला सामने आता है, तो कार्रवाई की जाएगी. सीएस के संज्ञान में मामला आने के बाद अब चिकित्सा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.
NPA उठाने वाले डॉक्टर्स के नाम अस्पताल में होंगे सार्वजनिक:
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ रवि माथुर ने आदेश जारी किया है कि NPA उठाने वाले डॉक्टर्स के नाम अस्पताल में सार्वजनिक करने को कहा है. निदेशालय ने जिले में एनपीए उठाने वाले डॉक्टर्स की सूची मांगी है. इसके साथ ही एनपीए उठाने वाले डॉक्टर्स को आपातकालीन परिस्थितियों में मरीज देखना पड़े, तो उसके लिए निशुल्क वाली सील लगाना आवश्यक होगा. इसके बाद भी एनपीए उठाने वाला डॉक्टर क्लिनिकल प्रैक्टिस करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ होगी कार्रवाई.
रेजिडेंट्स के भरोसे अस्पताल छोड़कर गायब रहते हैं सीनियर डॉक्टर:
एसएमएस, जयपुरिया सहित अन्य अस्पतालों के कई डॉक्टर्स की एनपीए उठाने के बाद बाहर प्रैक्टिस की शिकायत है. इसके साथ ही रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी एनपीए को अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग की है. रेजिडेंट डॉ राजीव ढाका ने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए एनपीए कंपल्सरी कर देना चाहिए. रेजिडेंट डॉक्टर मुकेश पूनिया ने कहा कि एनपीए कंपलसरी होता है, तो डॉक्टर पूरा टाइम अस्पताल में दे पाएंगे. वहीं, रेजिडेंट डॉ आरिफ ने कहा कि इससे रेजिडेंट भी अच्छे से सीख पाएंगे. रेजिडेंट्स का कहना है कि अस्पताल रेजिडेंट्स के भरोसे छोड़कर सीनियर डॉक्टर गायब हो जाते हैं. सीनियर डॉक्टर अस्पताल में रहेंगे, तो इससे रेजिडेंट्स को भी सीखने को मिलेगा और बेहतर काम हो सकेगा.
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