Breaking News: दुर्लभ रोगों से ग्रसित बच्चों की समस्याओं के समाधान को लेकर रोडवेज प्रशासन ने एक विशेष पहल की है. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों के साथ उनके एक सहयोगी को अब रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा देने के लिए प्रस्ताव सरकार को भिजवाया गया है.
इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है.रोडवेज प्रशासन ऐसी करीब 14 श्रेणियों में रियायती यात्रा की सुविधा दे रहा है. चिकित्सा विभाग की अनुशंसा के आधार पर रोडवेज प्रशासन ने रोडवेज बसों में दुर्लभ रोगों से ग्रसित बच्चों के साथ उनके एक परिजन को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा के लिए प्रस्ताव भिजवाया है.
रोडवेज प्रशासन ने परिवहन विभाग के मार्फत राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है. इसमें मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रोग से पीड़ित बच्चों के साथ उनके एक परिजन को नि:शुल्क यात्रा कराने के लिए अनुशंसा की गई है. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के रोगी की शारीरिक स्थिति अत्यधिक कमजोर होने के कारण एक सहयोगी का साथ होना जरूरी है.
इसके लिए पिछले दिनों चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. बैठक के दौरान रोडवेज प्रशासन से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों की यात्रा पर हुए खर्च और उनके सहयोगी को अनुमति दिए जाने पर संभावित खर्च की जानकारी चाही गई थी.
जवाब में रोडवेज प्रशासन ने बताया है कि दिसंबर 2023 में इस रोग से पीड़ितों ने कुल 243 यात्राएं की थी. नि:शुल्क सुविधा देने पर इसका वित्तीय भार 23554 रुपए रहा. यदि रोगी के साथ एक सहयोगी को भी नि:शुल्क यात्रा सुविधा दी जाती है तो इतना ही यानी 23500 रुपए का अतिरिक्त भार प्रतिमाह आएगा.
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