जयपुर: परिवहन विभाग 1 अप्रैल से प्रदेश में ई लाइसेंस और ई RC की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है. 1 अप्रैल से आवेदकों को स्मार्ट कार्ड की जगह उनके मोबाइल पर PDF फ़ॉर्मेट में लाइसेंस और RC मिलेगी लेकिन विभाग की यह नई शुरुआत लोगों की परेशानी बढ़ा सकती हैं.
परिवहन विभाग 1 अप्रैल से प्रदेश में ई लाइसेंस और ई रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है. सादुलशहर ज़िला परिवहन कार्यालय में आज से इस व्यवस्था की पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत भी हो गई है. लेकिन शुरू हने से पहले ही विभाग का यह नया प्रयोग सवालों के घेरे में आ गया है. परिवहन विभाग के जानकार और ट्रांसपोटर्स का कहना है विभाग की यह नई योजना लोगों को राहत देने की जगह उनकी परेशानी बढ़ा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान के बाहर दूसरे प्रदेशों में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के लोग भारत सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त DG लॉकर में दर्ज दस्तावेज़ों को ही नहीं मानते हैं.
इतना ही नहीं राजस्थान में भी कई जगह परिवहन विभाग और यातायात पुलिस DG कार्ड को मान्य नहीं करते. ऐसे में PDF या प्साधारण कागज पर प्रिंट वाले ड्राइविंग लाइसेंस और RC को मान्य कैसे किया जाएगा. परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था से ट्रांसपोटर्स और दूसरे राज्यों में आवागमन करने वाले लोगों को चालान होने का डर सता रहा है,, ऐसा इसलिए भी क्योंकि नेशनल परमिट के ट्रक चालक कई राज्यों में गाड़ियाँ चलाते हैं इन राज्यों में ड्राइविंग लाइसेंस और RC मोबाइल में या प्रिंट दिखा कर स्वीकार होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है. खास तौर पर दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में वहाँ की यातायात पुलिस काफ़ी सख़्त होती है. ऐसे में इन शहरों में नई व्यवस्था आने के बाद लोगों को परेशानी होना तय है.
परिवहन विभाग का तर्क है कि यह व्यवस्था उड़ीसा में शुरू की गई थी. लेकिन वहाँ 3 महीने के बाद ही इस व्यवस्था में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए इसे बदलते हुए स्मार्ट कार्ड देने का विकल्प भी शुरू किया गया था. प्रदेश का परिवहन विभाग भी नई योजना को वैकल्पिक तौर पर शुरू कर सकता है जिसमें आवेदकों को लाइसेंस और RC का स्मार्ट कार्ड लेने का भी विकल्प मिलता.
इस नई योजना में आने वाली परेशानी
1- देश के अधिकतर राज्यों में मोबाइल में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी मान्य नहीं होती इसलिए नेशनल परमिट पर चलने वाले ट्रक चालकों को परेशानी होना तय है.
2- भारत सरकार ने इसी तरह का प्रयोग कर DG लॉकर सेवा शुरू की थी. लेकिन बहुत से राज्यों में यहां तक कि राजस्थान में भी कई जगह DG लॉकर के दस्तावेजों को परिवहन विभाग के अधिकारी स्वीकार नहीं करते.
3- ड्राइविंग लाइसेंस का प्रयोग ऐड्रेस प्रूफ के तौर पर भी होता है. ऐसे में बिना स्मार्ट कार्ड के इसे ऐड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल करने में परेशानी होगी.
4- गाड़ियों को दूसरे राज्यों में बेचने के लिए ई आरसी के कारण परेशानी आना तय है.
5- हर समय मोबाइल में ही ई ड्राइविंग लाइसेंस और ई RC को प्रयोग करना व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है.
6- फ़ाइनेंसर अगर गाड़ी पकड़ते हैं तो उस गाड़ी को दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफ़र करने में परेशानी आना तय है.
7- ई लाइसेंस और ई आरसी की व्यवस्था से आपराधिक प्रवृति वाले लोग इसका दुरुपयोग कर सकते हैं.
8- क्योंकि ई लाइसेंस और ई RC का प्रिंट एक साधारण कागज पर लिया जाएगा और अप्रमाणित फोटो कॉपी जैसा प्रतीत होगा.
9- पूर्व में कोविड के समय आने वाले वैक्सीनेशन सर्टिफ़िकिटों में इस तरह की गड़बड़ी सामने आ चुकी है.
10- नई व्यवस्था सिर्फ़ स्मार्ट फ़ोन में ही लागू हों सकती है , जबकि अभी भी 25 से 30 फ़ीसदी चालकों के पास स्मार्ट फ़ोन अभी नहीं हैं.
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