पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने के फैसले को बीजेपी लोकसभा चुनावों में भुनाएगी। पेट्रोल-डीजल की रेट कम होने का फायदा हर व्यक्ति को मिला है। ऐसे में लोकसभा चुनावों से पहले इस फैसले को सियासी तौर पर बहुत अहम माना जा रहा है। बीजेपी इसे कांग्रेस के पर्ची सरकार के हमलों की काट के तौर पर मास्टर स्ट्रोक के तौर पर पेश करेगी।
प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दरें सभी जिलों में एक समान करने का मुद्दा कई साल से लंबित चल रहा था। दूसरे राज्यों से राजस्थान में वैट ज्यादा होने से यूपी, हरियाणा, गुजरात, एमपी बॉर्डर की सीमा से लगते जिलों के लोग पड़ोसी राज्यों से पेट्रोल भरवाते हैं। इस वजह से सीमावर्ती जिलों के पेट्रोल पंप लंबे समय से घाटा उठा रहे हैं। अब वैट घटाने से कुछ फायदा हुआ है, हालांकि राजस्थान की रेट अब भी ज्यादा है।
कांग्रेस-बीजेपी दोनों ने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया, लेकिन भजनलाल सरकार ने पूरा किया
पेट्रोल डीजल की दरें कम करने और सभी जिलों में एक समान वैट की दरें बड़ा मुद्दा है। पिछले कई साल से यह मांग चल रही थी। कांग्रेस और बीजेपी ने पिछले कई चुनावों में इसे घोषणा पत्र में शामिल किया, लेकिन पूरा नहीं कर पाए। अब भजनलाल सरकार ने इसे पूरा किया है। लोकसभा चुनावों से लेकर आगे तक बीजेपी इसी मुद्दे का सियासी फायदा उठाने की रणनीति पर चल रही है। लोकसभा चुनावों में इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया जाएगा।
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