प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में से 175 पर 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है। सिर्फ 25 सीटें ही ऐसी हैं, जिन पर पिछली बार से ज्यादा वोटिंग हुई है।पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा सहित अधिकांश मंत्रियों, विधानसभा स्पीकर की विधानसभा सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव से कम वोटिंग हुई है।
बांसवाड़ा सीट से बीजेपी उम्मीदवार महेंद्रजीत मालवीय, बीएपी उम्मीदवार राजकुमार रोत, बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी, कांग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल, कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी, मंत्री केके विश्नोई, मंत्री मदन दिलावर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शांति धारीवाल की विधानसभा सीटों पर 2019 से ज्यादा वोटिंग हुई है। हालांकि इन नेताओं के इलाकों में विधानसभा चुनावों से कम वोटिंग हुई है।
पूर्व सीएम जहां जीते, वहां घटी वोटिंग
जोधपुर की आठों विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनावों की तुलना में वोटिंग में कमी आई है। सूरसागर सीट पर लगभग विधानसभा चुनाव से 0.75 प्रतिशत कम वोटिंग हुई।पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सीट सरदारपुरा पर विधानसभा चुनाव से 1.17 प्रतिशत कम वोट पड़े हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की लोहावट सीट पर विधानसभा चुनावों से 14.45 प्रतिशत कम वोट पड़े हैं।
लोहावट में विधानसभा चुनावों में 77.31 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जो लोकसभा में घटकर 62.86 प्रतिशत पर आ गई है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल की सीट लूणी पर विधानसभा चुनावों से 8.48 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है।
: वसुंधरा राजे की सीट पर विधानसभा से 8.12% कम वोटिंग
झालावाड़-बारां में आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें 7 पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस विधायक है। झालरापाटन से खुद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे विधायक हैं।
विधानसभा चुनावों की तुलना में यहां 8.12 प्रतिशत वोटिंग घट गई है। विधानसभा चुनावों के दौरान 77.67 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। लोकसभा चुनाव में ये आंकड़ा घटकर 69.55 प्रतिशत पर आ गया।
वोटिंग घटने का यह ट्रेंड हर सीट पर दिख रहा है। झालावाड़ से वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह उम्मीदवार हैं।
दो मंत्रियों की सीटों पर भी घटी वोटिंग
कोटा से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार प्रहलाद गुंजल और कांग्रेस विधायक पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की कोटा उत्तर सीट पर विधानसभा चुनावों से 4.41 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। विधानसभा चुनावों में गुंजल बीजेपी के टिकट पर शांति धारीवाल के सामने लड़े थे। गुंजल धारीवाल से हार गए थे। लोकसभा चुनावों से पहले गुंजल बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आ गए थे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की रामगंज मंडी सीट पर विधानसभा की तुलना में 3.22 प्रतिशत वोटिंग कम हुई है। यहां विधानसभा चुनावों में 78.26 प्रतिशत व लोकसभा में 75.04 प्रतिशत वोटिंग हुई।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की सांगोद विधानसभा सीट पर 6.42 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। यहां विधानसभा चुनावों में 79.08 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जो अब घटकर 72.66 प्रतिशत पर आ गई।
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