'लोग रो रहे हैं, अफसर सो रहे हैं': वसुंधरा राजे के बयान पर केंद्र सख्त, राजस्थान सरकार से मांगी रिपोर्ट

जयपुर : राजस्थान में बढ़ते जल संकट और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अधिकारियों पर नाराजगी ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। राजे द्वारा की गई सार्वजनिक फटकार और सोशल मीडिया पोस्ट पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से तत्काल रिपोर्ट तलब की है।


'पाई-पाई का हिसाब दो': वसुंधरा की सख्त चेतावनी

मंगलवार को झालावाड़ जिले के रायपुर कस्बे में ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंची वसुंधरा राजे ने जलदाय विभाग और जल जीवन मिशन के अफसरों की सार्वजनिक क्लास लगाई। उन्होंने अफसरों से पूछा:

"क्या सिर्फ अफसरों को ही प्यास लगती है? जनता तड़प रही है और आप लोग फाइलों में पानी पहुंचा रहे हो!"

राजे ने प्रधानमंत्री द्वारा जल जीवन मिशन के तहत दिए गए ₹42,000 करोड़ का हवाला देते हुए पूछा कि झालावाड़ के हिस्से की राशि कहां और कैसे खर्च हुई?


राजे का बयान सोशल मीडिया पर वायरल, विपक्ष भी हमलावर

वसुंधरा राजे का बयान "अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं" सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस पर कटाक्ष करते हुए लिखा:

"जब पूर्व मुख्यमंत्री खुद मजबूर हो गई हों, तो आम जनता की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।"


केंद्र सरकार का संज्ञान, जलशक्ति मंत्री ने मांगी रिपोर्ट

वसुंधरा राजे की नाराजगी दिल्ली तक पहुंची। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने झालावाड़ में जल संकट को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है।

"वसुंधरा जी द्वारा जताई गई चिंता वाजिब है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य हर घर तक जल पहुंचाना है। अगर कहीं गड़बड़ी है, तो उसकी जांच आवश्यक है।" — सीआर पाटिल


राज्य सरकार पर बढ़ा दबाव, विपक्ष ने उठाए सवाल

राजे के बयान के बाद राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर दबाव और बढ़ गया है। जलदाय विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, कई ग्रामीण इलाकों में टैंकरों से पानी सप्लाई हो रही है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं दिख रहा।


क्या है जल जीवन मिशन?

जल जीवन मिशन भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को नल से जल उपलब्ध कराना है। इसके लिए केंद्र ने राज्यों को बड़ी धनराशि जारी की है।

लेकिन वसुंधरा राजे का आरोप है कि राजस्थान में इस योजना का क्रियान्वयन बेहद कमजोर है।


निष्कर्ष:

राजस्थान में जल संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नाराजगी ने राजनीति को गरमा दिया है। अब जब केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी है, तो राज्य सरकार के सामने जवाबदेही तय करने की चुनौती है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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