हाईकोर्ट से जयपुर परकोटे के 900 दुकानदारों को फौरी राहत, सरकार को कार्रवाई के लिए 2 महीने की मोहलत

राजस्थान : हाईकोर्ट ने जयपुर के परकोटे क्षेत्र (वॉल सिटी) में स्थित 19 आवासीय भवनों में चल रहे कॉमर्शियल गतिविधियों को अवैध करार दिया है। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को इन पर कार्रवाई के लिए 2 महीने का समय दिया है और स्पष्ट किया है कि कार्रवाई से पहले सभी दुकानदारों की व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की जाए। यह आदेश वॉलसिटी क्षेत्र में संचालित लगभग 900 दुकानदारों के लिए फौरी राहत लेकर आया है।


क्या है पूरा मामला?

वॉलसिटी क्षेत्र की विरासत और ऐतिहासिक पहचान को ध्यान में रखते हुए 19 आवासीय भवनों में चल रहे कॉमर्शियल-कॉम्प्लेक्स को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में इन संरचनाओं को नियमों के खिलाफ बताया गया था, जिनमें बिना आवश्यक अनुमति के व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही थीं।


हाईकोर्ट का निर्देश: "सुनवाई जरूरी, कार्रवाई टालिए"

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि इन मामलों में बिना किसी पूर्व सूचना और व्यक्तिगत सुनवाई के कार्रवाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा:

“प्रत्येक दुकानदार को अपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए। यह संविधान के प्राकृतिक न्याय सिद्धांतों का हिस्सा है।”

साथ ही, कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि

“यदि 2 महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तो आगे की सुनवाई में सरकार को जवाबदेह ठहराया जाएगा।”


व्यवसायिक बनाम आवासीय ज़ोनिंग पर सवाल

वॉल सिटी के कई भवन पुराने समय में आवासीय रूप में निर्मित हुए थे, लेकिन समय के साथ उनमें व्यापारिक गतिविधियां शुरू हो गईं। सरकार की ओर से बार-बार ज़ोनिंग रेगुलेशंस के उल्लंघन को लेकर नोटिस जारी किए गए, लेकिन व्यापारिक हितों के चलते मामला कोर्ट तक पहुंच गया।

 

900 दुकानदारों को मिली बड़ी राहत

इस आदेश से प्रभावित भवनों में स्थित लगभग 900 दुकानदारों को तत्काल बेदखली या सीलिंग जैसी कार्रवाई से राहत मिल गई है। हालांकि यह राहत स्थायी नहीं है, लेकिन व्यवसायियों को अपनी बात रखने और समाधान तलाशने का अवसर जरूर मिलेगा।


सरकार को बड़ी जिम्मेदारी

हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि

“सरकार को तय समयसीमा में न्यायोचित प्रक्रिया अपनाते हुए निर्णय लेना होगा। न केवल शहर की विरासत की रक्षा करनी है, बल्कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की भी रक्षा करनी है।”


निष्कर्ष:

जयपुर के परकोटे क्षेत्र में चल रहे अवैध कॉमर्शियल उपयोग के खिलाफ हाईकोर्ट का यह आदेश एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहां सरकार को समय दिया गया है, लेकिन व्यापारियों को भी अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलेगा। आने वाले दो महीनों में सरकार और स्थानीय प्रशासन की भूमिका निर्णायक होगी, जो तय करेगी कि विरासत और विकास में संतुलन कैसे स्थापित किया जाए।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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