नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामलाल जाट तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) आनंद श्रीवास्तव के भाई अरविंद श्रीवास्तव के खिलाफ सीबीआई जांच पर अंतरिम रोक लगा दी है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने इन दोनों सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। राज्य सरकार ने दलील दी कि राज्य पुलिस पूरी तरह सक्षम है और निष्पक्ष जांच कर रही है। सरकार ने यह भी तर्क दिया कि सीबीआई जांच केवल असाधारण परिस्थितियों में होनी चाहिए और इसे राज्य पुलिस की नियमित जांच का विकल्प नहीं बनाया जा सकता।
परिवादी की आपत्ति, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक परिवादी परमेश्वर जोशी ने हाईकोर्ट के आदेश का समर्थन करते हुए राज्य पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
क्या है पूरा मामला? इस मामले में भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में अरविंद श्रीवास्तव उर्फ मनीष धाबाई, श्यामसुंदर गोयल, चंद्रकांत शुक्ला, राजकुमार विश्नोई और जितेंद्र धाबाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इन पर आरोप था कि 2018 से 2021 के बीच उन्होंने षड्यंत्रपूर्वक परिवादी की खान से एक्सकेवेटर मशीन, डंपर, डीजल एयर कंप्रेशर, लेथ मशीन और अन्य उपकरण चोरी कर उन्हें उदयपुर व केरल में खुर्दबुर्द कर दिया।
परिवादी ने आरोप लगाया कि जब इस मामले की जांच हुई तो एक आरोपी ने फर्जी किराए का समझौता पेश किया, जिसके आधार पर दो पुलिस अधिकारियों ने केस में नकारात्मक अंतिम रिपोर्ट दे दी।
सरकार का पक्ष राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने बिना किसी ठोस सबूत के मामले को राजनीतिक प्रभाव वाला मान लिया और जांच को सीबीआई को सौंप दिया। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि एडीजी स्तर के अधिकारी आनंद श्रीवास्तव का इस जांच से कोई लेना-देना नहीं था, क्योंकि उनकी तैनाती किसी अपराध शाखा में नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राज्य पुलिस ही मामले की जांच जारी रखेगी।
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