राजस्थान : के बारां जिले के अंता विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया, जिसके बाद उनकी विधायकी समाप्त होने की संभावना बढ़ गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कंवरलाल मीणा को दो सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। यह मामला एसडीएम पर पिस्टल तानने से संबंधित है, जिसके चलते उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हुआ था।
कंवरलाल मीणा पर आरोप है कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक एसडीएम (उपजिला मजिस्ट्रेट) पर पिस्टल तान दी थी। इस घटना के बाद उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हुआ था और निचली अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
भारत के संविधान के अनुसार, यदि किसी विधायक को दो या उससे अधिक वर्ष की सजा होती है, तो उसकी विधायकी स्वतः समाप्त हो जाती है। कंवरलाल मीणा के मामले में भी अगर ट्रायल कोर्ट उन्हें दोषी पाती है और सजा का प्रावधान दो या उससे अधिक वर्षों का है, तो उनकी विधायकी समाप्त हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद भाजपा में हड़कंप मच गया है। पार्टी के कई नेता इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं, जबकि विपक्षी दल इसे भाजपा की विफलता के रूप में देख रहे हैं।
कंवरलाल मीणा को अब दो सप्ताह में ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करना होगा। इसके बाद अदालत उनके मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।
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