महाराष्ट्र : के कोल्हापुर में 14 अप्रैल 1991 की रात एसटी बस स्टैंड पर दिल दहला देने वाली घटना घटी। रात के 11 बजे एक बूढ़ी महिला, जिसकी गोद में ढाई साल का मासूम बच्चा बिलख रहा था, उसे लेकर बस स्टैंड के एक कोने में गई।
जैसे ही बच्चा मम्मी-मम्मी चिल्लाया, महिला ने उसके गाल पर दो-तीन थप्पड़ मार दिए। लेकिन यहां पर यह मामला खत्म नहीं हुआ, बल्कि इसी के बाद शुरू हुआ एक ऐसा खौफनाक मंजर जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया।
महिला, जिसका नाम अंजनाबाई था, बच्चे को चादर में लपेटकर दीवार पर पटकने लगी। उसने निर्दयता से मासूम को बार-बार दीवार पर मारा, जब तक कि उसकी सांसें थम नहीं गईं। इसके बाद उसने बच्चे की लाश को एक बैग में रखा और सीधे सिनेमा हॉल पहुंच गई, जहां उसने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' फिल्म देखी।
इस खौफनाक घटना के पीछे की वजह अब तक साफ नहीं हो पाई थी, लेकिन अंजनाबाई का ये अमानवीय चेहरा पूरे कोल्हापुर में चर्चा का विषय बन गया। लोग उसकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाने लगे।
इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ते रहें हमारा स्पेशल क्राइम सीरीज़ 'अंजनाबाई केस' का अगला भाग।
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