राजस्थान : के उदयपुर जिले में पिछले दो सालों में हाईवे पर 541 लोगों की मौत हो चुकी है। उदयपुर-पिंडवाड़ा और उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे पर हुए ये हादसे स्थानीय निवासियों और यात्रियों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गए हैं। हाल ही में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इन खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है, जहां हादसों की संख्या सबसे अधिक है।
उदयपुर-पिंडवाड़ा हाइवे और उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे राजस्थान और गुजरात को जोड़ते हैं। यहां होने वाले हादसों के पीछे कई कारण हैं:
पहाड़ी इलाका: तीखे मोड़ और ढलान पर ड्राइविंग कठिन हो जाती है।
अवैध कट्स: हाइवे पर अवैध कट्स दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।
अत्यधिक ट्रैफिक: इन हाईवे पर भारी ट्रैफिक रहता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
तेज रफ्तार: विशेष रूप से ब्लैक स्पॉट्स पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण हादसे होते हैं।
ओवरलोडिंग: हाइवे पर ट्रकों और भारी वाहनों की ओवरलोडिंग भी हादसों की वजह बनती है।
उदयपुर-पिंडवाड़ा हाइवे: 6 ब्लैक स्पॉट्स
उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे: 5 ब्लैक स्पॉट्स
उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत कर ब्लैक स्पॉट्स के सुधार के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करवाई है। साथ ही, उदयपुर-अहमदाबाद हाइवे के ब्लैक स्पॉट्स पर भी बजट की योजना है।
ब्लैक स्पॉट्स का चौड़ीकरण और सुधार।
अवैध कट्स बंद करना।
ट्रैफिक पुलिस की निगरानी बढ़ाना।
जागरूकता अभियान चलाना।
सड़क संकेतकों और स्पीड लिमिट बोर्ड्स की स्थापना।
उदयपुर के हाईवे पर बढ़ते हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और सुधार के लिए बजट स्वीकृत होना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से लागू करना आवश्यक है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.