झुंझुनू में लाठीचार्ज: कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने खदेड़ा, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के साथ धक्का-मुक्की

झुंझुनू: राजस्थान के झुंझुनू जिले में चल रहे सुभाष मेघवाल हत्याकांड के विरोध में आज माहौल उस वक्त तनावपूर्ण हो गया, जब कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर रही भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के साथ धक्का-मुक्की की घटना भी सामने आई। मामला गंभीर होता देख भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया और भीड़ को मौके से खदेड़ दिया गया।


क्या है मामला?

झुंझुनू निवासी सुभाष मेघवाल की 16 मई को कुछ लोगों ने बेरहमी से पिटाई की थी, जिसकी वजह से उनकी 9 दिन बाद मौत हो गई। इसके बाद से ही परिजन और ग्रामीण 50 लाख रुपए की मुआवजा राशि, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।


रैली और झड़प का घटनाक्रम

आज सुबह राजकीय जिला बीडीके अस्पताल से एक आक्रोश रैली निकाली गई, जिसकी अगुवाई पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा कर रहे थे। रैली जब कलेक्ट्रेट के बाहर पहुंची, तो प्रदर्शनकारियों ने जबरन परिसर में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई और तनाव बढ़ते ही पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू कर दीं। इससे मौके पर भगदड़ मच गई


पूर्व मंत्री के साथ धक्का-मुक्की

इस दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के साथ पुलिसकर्मियों की धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि, वे मौके पर डटे रहे और लगातार प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे।


लाठीचार्ज पर उठे सवाल, पुलिस पर कार्रवाई की मांग

लाठीचार्ज के बाद माहौल कुछ देर के लिए शांत हो गया। इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल को कलेक्टर से वार्ता के लिए भेजा गया। पूर्व मंत्री गुढ़ा ने कहा:

“आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस ने बिना वजह लाठीचार्ज किया, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।”

मृतक सुभाष मेघवाल के भाई सचिन चोपड़ा ने कहा:

“हम शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस ने आंदोलन खत्म कराने के उद्देश्य से लाठीचार्ज किया। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।”


प्रशासन के रुख पर नजर

प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही आंदोलनकारियों की मांगों पर कोई ठोस फैसला ले सकती है, ताकि हालात नियंत्रण में रखे जा सकें।


निष्कर्ष

झुंझुनू में सुभाष मेघवाल की मौत ने न सिर्फ एक परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर दिया है। इस घटनाक्रम में पुलिस लाठीचार्ज ने आंदोलन को एक नया मोड़ दे दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन और सरकार किस तरह से इस गंभीर मुद्दे का समाधान निकालती है। आंदोलनकारी अपने रुख पर अडिग हैं और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव अरूणा गौड़ ने थामा बीजेपी का दामन: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से हुईं प्रेरित, 200 से अधिक महिलाओं के साथ जॉइन की बीजेपी | राजस्थान राजनीति: जोधपुर में अशोक गहलोत का डोनाल्ड ट्रंप पर हमला, कहा- 'कश्मीर मुद्दे पर कोई पंचायती ना करे' | बीकानेर में गरजे पीएम मोदी: "भारत पर आतंकी हमला हुआ तो शर्तें हमारी सेनाएं तय करेंगी" | SDM पर पिस्तौल तानी, विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी बचाने की माफी में क्या है राज्यपाल की भूमिका? एक्सपर्ट से जानिए पूरा नियम | डोटासरा बोले-विधानसभा स्पीकर फाइल को घूमा रहे:कंवरलाल मीणा पर नहीं हो रहा फैसला, राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में गई थी | एमपी के मंत्री को बर्खास्त करने की मांग: कोटा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन | ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से बमबारी:LoC के गांव खाली, बंकरों में छिपे लोग; बोले- हमारे घर तबाह हुए, लेकिन सबक सिखाया | पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर में रातभर भारी गोलीबारी, चार की मौत, 16 घायल | एयर स्ट्राइक के बाद राजस्थान में हाई-अलर्ट, 2 एयरपोर्ट बंद:जयपुर से भी 4 फ्लाइट्स रद्द; बीकानेर-बाड़मेर में स्कूल बंद, एग्जाम कैंसिल | Rajasthan: SMS अस्पताल में मरीज पर गिरा प्लास्टर, CM भजनलाल शर्मा ने अफसरों की लगाई क्लास, दोषियों पर त्वरित कार्रवाई |