राजस्थान: आज एक अभूतपूर्व सुरक्षा अभ्यास का गवाह बनेगा। ऑपरेशन शील्ड के तहत शनिवार को राज्य के सभी जिलों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट (बत्ती गुल अभ्यास) किया जाएगा। यह अभ्यास पूरी तरह गोपनीय रहेगा, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में सरकारी तंत्र की तत्काल प्रतिक्रिया क्षमता की जांच की जा सके।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के कलेक्टरों और एसपी से बातचीत की और अभ्यास की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा:
"इस ड्रिल का उद्देश्य जिलों के प्रशासनिक तंत्र की युद्धकालीन स्थितियों में त्वरित कार्रवाई और समन्वय को परखना है। रिस्पॉन्स टाइम सुधारना प्राथमिकता है।"
समय और स्थान गोपनीय: मॉक ड्रिल कब और कहां होगी, इसकी सूचना बेहद सीमित अधिकारियों को ही दी गई है।
ब्लैकआउट की स्थिति: रात में कुछ देर के लिए बिजली बंद कर ब्लैकआउट की स्थिति तैयार की जाएगी ताकि रात के समय के सुरक्षा उपायों की जांच हो सके।
सेनाभ्यास जैसी तैयारियां: युद्ध जैसी स्थिति का अनुकरण करते हुए पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य, अग्निशमन, विद्युत विभाग और अन्य एजेंसियों को तैनात किया जाएगा।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ अभ्यास है, कोई वास्तविक खतरा नहीं है। जनता से अपील की गई है कि इस दौरान संयम बनाए रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
“लोगों को जागरूक करना भी इस ड्रिल का हिस्सा है। इसलिए अगर उन्हें किसी सड़क पर सैन्य वाहन या पुलिस का मूवमेंट दिखे, तो सहयोग करें।”
इस अभ्यास में राज्य और केंद्र सरकार के सुरक्षा तंत्र के बीच समन्वय का परीक्षण भी किया जाएगा। सूचना, बिजली, संचार और स्वास्थ्य विभाग की आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को भी टेस्ट किया जाएगा।
राजस्थान में युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए ऑपरेशन शील्ड के तहत यह मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास न सिर्फ प्रशासन की तैयारी को जांचने का माध्यम है, बल्कि आमजन को भी आपात स्थिति में सतर्क और जिम्मेदार रहने की सीख देता है।
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