Rajasthan Politics: राजस्थान में भाजपा के अंदर ही लड़ाई, मंत्री के बेटे का ज्योति मिर्धा पर हमला, बोले- वेश बदला पर मन अब भी कुटिल

नागौर : राजस्थान की राजनीति में इन दिनों नागौर ज़िले का खींवसर इलाका सियासी संग्राम का केंद्र बना हुआ है। खींवसर विधायक रेवंत राम डांगा द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखा गया एक पत्र राजनीतिक तूफान का कारण बन गया है। इस पत्र के लीक होने और इसके बाद की घटनाओं ने भाजपा के भीतर के मतभेदों को सतह पर ला दिया है।


ज्योति मिर्धा बनाम खींवसर परिवार: सियासी रेखाएं खिंच गईं

पत्र की प्रतिक्रिया में भाजपा उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बीच तकरार खुलकर सामने आ गई है।

  • बुधवार को मिर्धा ने बिना नाम लिए गजेंद्र सिंह को ‘धृतराष्ट्र’ कह डाला,

  • तो मंत्री के बेटे धनंजय सिंह खींवसर ने सोशल मीडिया पर जवाबी हमला बोला।


धनंजय का ट्वीट – "स्व नहीं, समूह होता है असली संगीत"

धनंजय ने अपने ट्वीट में लिखा:

"वेश बदला, दल का झंडा थामा, पर मन की कुटिलता अब भी वही पुरानी है... यह दल है तप, त्याग और अनुशासन का प्रतीक..."
"संदेश गिराने से पहले सोच लेना, गिरा तो मसला बनकर खड़ा हो जाऊंगा..."

इन पंक्तियों के ज़रिए उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ज्योति मिर्धा पर निशाना साधा।


क्या था विवाद की जड़ में?

खींवसर विधायक रेवंत राम डांगा ने सीएम को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि खींवसर विधानसभा में अब भी हनुमान बेनीवाल की ही चल रही है।

  • इस पत्र के लीक होते ही भाजपा के भीतर हलचल मच गई।

  • ज्योति मिर्धा ने कहा कि उन्हें पता है पत्र किसने लीक किया, और वह पार्टी का ही व्यक्ति है


ज्योति मिर्धा का पलटवार – “पुत्र मोह में अंधे धृतराष्ट्र”

पत्र लीक होने की आशंका मंत्री परिवार पर जताने के बाद
ज्योति मिर्धा ने गजेंद्र सिंह खींवसर पर तीखा बयान देते हुए कहा:

“धृतराष्ट्र की समस्या ये नहीं थी कि वो अंधे थे, बल्कि पुत्र मोह में अंधे थे।”
“लीक होना और उसे वायरल करना दो अलग बातें हैं।”


"सबूत CM को दे दिए हैं" – ज्योति मिर्धा का दावा

मिर्धा ने यह भी कहा कि

  • उन्होंने सभी सबूत मुख्यमंत्री के सामने पेश कर दिए हैं।

  • अगर पार्टी अनुमति देती है, तो वे वह सबूत सार्वजनिक भी कर सकती हैं।


निष्कर्ष:

नागौर की राजनीति में यह टकराव सिर्फ व्यक्तिगत बयानबाज़ी नहीं, बल्कि भाजपा के भीतर की खींचतान और संगठनात्मक मतभेद का प्रतीक बन गया है।
ज्योति मिर्धा बनाम खींवसर परिवार का यह विवाद आने वाले समय में राजस्थान भाजपा की रणनीति और गठबंधन समीकरणों पर गहरा असर डाल सकता है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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