चपरासी-भर्ती के लिए PhD कर चुके युवाओं ने भरा फॉर्म:53 हजार 749 पदों पर 18.50 लाख से ज्यादा आवेदन आए; सितंबर में होगी परीक्षा

जयपुर : राजस्थान में हाल ही में निकली चपरासी भर्ती (चौथी श्रेणी कर्मचारी) की परीक्षा ने एक बार फिर बेरोजगारी की भयावह तस्वीर को उजागर कर दिया है। 53 हजार 749 पदों के लिए अब तक 18 लाख 50 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। यानी हर एक पद के लिए औसतन 35 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं।

इसमें हैरानी की बात यह है कि इन पदों के लिए पीएचडी (PhD), पोस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियरिंग और MBA डिग्रीधारी युवाओं ने भी आवेदन किया है।


शिक्षा का स्तर और रोजगार की हकीकत

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अनुसार, चपरासी जैसी ग्रुप-डी भर्ती में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं का इतना बड़ा संख्या में आवेदन करना राज्य में रोजगार संकट की गंभीरता को दर्शाता है।
इनमें से कई उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने PhD, MTech, MSc, MA, MBA जैसी डिग्रियां हासिल की हैं और अब सरकारी नौकरी की तलाश में चौथी श्रेणी की नौकरी के लिए भी आवेदन कर रहे हैं।


परीक्षा की तिथि घोषित: सितंबर में होगी परीक्षा

राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक, चपरासी भर्ती परीक्षा सितंबर 2025 में आयोजित की जाएगी।
परीक्षा का पैटर्न सामान्य ज्ञान, बेसिक गणित और भाषा आधारित रहेगा, जो सभी शैक्षणिक स्तर के अभ्यर्थियों के लिए समान होगा।


क्यों कर रहे हैं Highly Qualified Youth आवेदन?

  • सरकारी नौकरी की सुरक्षा

  • स्थिर आय और सामाजिक सम्मान

  • निजी क्षेत्र में कम अवसर और अस्थिरता

  • कम मजदूरी और ठेका प्रथा

  • बढ़ती महंगाई और पारिवारिक दबाव

इन कारणों से आज के युवा, चाहे वो कितने भी पढ़े-लिखे क्यों न हों, सरकारी नौकरी की ओर आकर्षित हो रहे हैं—even if it’s a peon post.


विशेषज्ञों की राय: यह चेतावनी है

श्रम और रोजगार विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति सिर्फ शिक्षा और बेरोजगारी का ही नहीं, बल्कि नीति नियोजन की असफलता को भी उजागर करती है।
जब डॉक्टर, इंजीनियर और शोधकर्ता ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए लाइन में लगते हैं, तब यह सरकारों के लिए एक अलार्म बेल बन जाता है।


आवेदकों की जुबानी

"मैंने तीन साल पहले PhD पूरी की थी, लेकिन अब तक कोई स्थायी नौकरी नहीं मिली। चपरासी की ही सही, लेकिन सरकारी नौकरी मिलेगी तो भविष्य सुरक्षित रहेगा।"
रवि कुमार, PhD (राजनीति विज्ञान), जयपुर

 

निष्कर्ष:

राजस्थान में चपरासी भर्ती को लेकर मिले 18.50 लाख से अधिक आवेदन यह दर्शाते हैं कि देश में पढ़ा-लिखा युवा रोजगार की तलाश में कितनी गंभीर स्थिति से जूझ रहा है। PhD डिग्रीधारी युवाओं का फॉर्म भरना इस संकट की सबसे बड़ी तस्वीर पेश करता है।

अब समय आ गया है कि सरकारें केवल पद भरने तक सीमित न रहें, बल्कि दीर्घकालिक रोजगार नीति और युवाओं के लिए टिकाऊ अवसर सुनिश्चित करें।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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