राजस्थान : की राजनीति में पंचायत और शहरी निकायों के पुनर्गठन को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगाए गए धांधली के आरोपों पर राज्य के पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने करारा पलटवार किया है।
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए मदन दिलावर ने कहा,
"गहलोत साहब कान खोलकर सुन लें, बीते शासनकाल में डोटासरा ने 1705 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। अगर परतें खुलीं, तो पंचायत और शहरी निकायों में क्या-क्या निकलेगा, खुद समझ सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई वाली सरकार ने किसी मंत्री या विधायक को लूट की छूट नहीं दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंचायत और निकाय पुनर्गठन में वर्तमान सरकार पर पक्षपात और धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पुनर्गठन राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है और इससे ग्राम पंचायतों की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचेगा।
मदन दिलावर ने यह भी स्पष्ट किया कि डोटासरा द्वारा किए गए कथित 1705 करोड़ रुपए के घोटाले की परतें जल्द खुलेंगी। उन्होंने कहा,
"हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं और अगर जरूरत पड़ी तो इसकी जांच एजेंसियों से कराई जाएगी। यह जनता का पैसा है, और कोई भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
यह बयानबाज़ी ऐसे समय में आई है जब राज्य में पंचायत और निकाय स्तर पर बड़े प्रशासनिक बदलाव किए जा रहे हैं। जहां भाजपा सरकार इन बदलावों को विकास के लिए जरूरी बता रही है, वहीं कांग्रेस इन्हें मनमाना और लोकतंत्र विरोधी बता रही है।
राजस्थान की राजनीति में पंचायत और निकाय पुनर्गठन एक बड़ा मुद्दा बन गया है। जहां एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत इसे धांधली बता रहे हैं, वहीं मंत्री दिलावर डोटासरा पर बड़े घोटाले का आरोप लगाकर जवाबी हमला कर रहे हैं। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और तीखी बहस और खुलासे देखने को मिल सकते हैं।
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