अजमेर, राजस्थान – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाकर अभद्रता करने के आरोप में कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं के खिलाफ क्लॉक टावर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायत एक बुजुर्ग नागरिक द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है और यह कृत्य पूरी तरह राजनीतिक शक्तियों का दुरुपयोग है।
शिकायतकर्ता बुजुर्ग नागरिक ने कहा, "देश के प्रधानमंत्री का पुतला जलाना सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है। यह न सिर्फ संविधान विरोधी है बल्कि सामाजिक मर्यादाओं को भी ध्वस्त करता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे कृत्यों से युवाओं में गलत संदेश जाता है और लोकतंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात होता है।
क्लॉक टावर पुलिस ने मामले की जांच करते हुए आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A, 295A और 504 जैसी गंभीर धाराएं लगाई हैं, जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और सार्वजनिक अशांति से जुड़ी हैं।
मामले में नामजद दो कांग्रेस कार्यकर्ता फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस की एक टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है। थानाधिकारी ने बताया कि जल्द ही सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया पोस्ट की जांच कर ठोस साक्ष्य एकत्र किए जाएंगे।
मामले को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सख्त कार्रवाई की मांग की है, वहीं कांग्रेस ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार है और बीजेपी सरकार इसे दमनकारी रवैये से दबाने की कोशिश कर रही है।
राजनीतिक विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन विरोध के तौर-तरीकों में संवैधानिक संस्थाओं और पदों की गरिमा बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे घटनाक्रम देश में राजनीतिक असहिष्णुता और वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं, जिसे रोकना वक्त की मांग है।
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