राजस्थान – महिला उत्पीड़न क्रम-2 कोर्ट ने दहेज हत्या के एक संवेदनशील मामले में आरोपी पति को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला लगभग 5 साल पुराना है, जिसमें विवाहिता की मृत्यु ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी और गले पर चोट के निशान मिले थे।
मृतका के परिजनों ने आरोपी पति पर बाइक और ₹50,000 की दहेज की मांग करने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि मांग पूरी न होने पर पीड़िता के साथ लगातार मारपीट की जाती थी।
मामले की जांच के दौरान ससुराल पक्ष के व्यवहार, गले पर मिले चोटों के निशान, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर मामला दहेज हत्या में परिवर्तित किया गया।
मृतका के परिजनों ने अदालत में न्याय की गुहार लगाई और अदालत ने यह कहते हुए फैसला सुनाया कि:
"दहेज के लिए किसी भी महिला की जान लेना समाज के लिए शर्मनाक है और आरोपी को कड़ी सजा देकर समाज में एक संदेश देना आवश्यक है।"
महिला उत्पीड़न क्रम-2 कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304B (दहेज मृत्यु) के तहत सजा सुनाते हुए 7 साल का कठोर कारावास और आर्थिक दंड भी लगाया।
घटना के दिन विवाहिता का शव उसके ससुराल के कमरे में फंदे पर लटका हुआ मिला था। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या बताया, लेकिन बाद में मेडिकल रिपोर्ट और पीड़िता की मां के बयान के आधार पर मामला दहेज हत्या में बदला गया।
इस फैसले के बाद महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और जनसंगठनों ने राहत की सांस ली और कहा कि यह सजा उन सभी को चेतावनी है जो दहेज जैसी कुप्रथा को अब भी जीवित रखे हुए हैं।
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