पाक तनाव के बीच देशभर में 244 जगहों पर मॉक ड्रिल: सिविल डिफेंस जिलों में ब्लैकआउट और एयर रेड से निपटने की तैयारी

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच देश के 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स में बुधवार, 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास युद्ध या आतंकी हमले जैसी आपात स्थिति में आम नागरिकों की सुरक्षा और बचाव उपायों को परखने के उद्देश्य से किया जा रहा है।


क्या है मॉक ड्रिल का उद्देश्य?

गृह मंत्रालय के अनुसार, इस अभ्यास में नागरिकों को सिखाया जाएगा कि एयर रेड, ब्लैकआउट, बमबारी या अन्य आपात स्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया दें।
लोगों को मेडिकल किट, सूखा राशन, टॉर्च, मोमबत्तियां और नकदी साथ रखने की सलाह दी गई है क्योंकि संकट की घड़ी में बिजली और डिजिटल ट्रांजैक्शन असफल हो सकते हैं।


पहली बार इतने बड़े स्तर पर अभ्यास

1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान जो सिविल डिफेंस ड्रिल हुई थी, उसके 54 साल बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर देशव्यापी मॉक ड्रिल हो रही है। इसका उद्देश्य है -

  • नागरिकों को जागरूक करना

  • आपदा के समय खुद को बचाने की ट्रेनिंग देना

  • स्थानीय प्रशासन की तैयारी परखना


सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स की संरचना

गृह मंत्रालय ने देशभर के 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स को तीन कैटेगरी में वर्गीकृत किया है:

  • कैटेगरी 1 (13 जिले): सबसे अधिक संवेदनशील (जैसे नरौरा, यूपी – न्यूक्लियर प्लांट)

  • कैटेगरी 2 (201 जिले): सामान्य संवेदनशील

  • कैटेगरी 3 (45 जिले): कम संवेदनशील

यह ज़रूरी नहीं कि ये जिले सामान्य प्रशासनिक जिलों जैसे ही हों। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के बक्शी का तालाब और सरवासा, जो लखनऊ और सहारनपुर के तहत आते हैं, इन्हें सिविल डिफेंस डिस्टिक घोषित किया गया है क्योंकि इनमें एयरफोर्स स्टेशन है।


राज्यवार मॉक ड्रिल की योजना

गृह मंत्रालय ने 5 मई को सभी राज्यों को ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए।
6 मई को दिल्ली में हुई हाई लेवल मीटिंग में मुख्य सचिवों, सिविल डिफेंस प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों ने ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की।

मॉक ड्रिल के तहत लोगों को रात के समय बिजली बंद रखने, ब्लैकआउट में कैसे बचे, अलार्म और सुरक्षा संकेतों की पहचान जैसी जरूरी जानकारियां दी जाएंगी।


इससे पहले क्या हुआ?

  • फिरोजपुर छावनी (पंजाब) में रविवार और सोमवार की रात को ब्लैकआउट अभ्यास किया गया

  • लखनऊ, श्रीनगर, मुंबई में SDRF और पुलिस को युद्ध जैसी स्थिति में कार्रवाई के निर्देश और ट्रेंनिंग दी गई


निष्कर्ष

यह मॉक ड्रिल न सिर्फ एक सावधानीभरा कदम है, बल्कि एक सशक्त संकेत भी है कि भारत हर परिस्थिति में नागरिकों की सुरक्षा के लिए तैयार है।
सामान्य नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता इस ड्रिल की सबसे बड़ी कुंजी है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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