अलवर ग्रामीण से तीसरी बार विधायक टीकाराम जूली विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से नेता प्रतिपक्ष होंगे। इसके साथ ही 1952 में पहले चुनाव के 71 साल बाद विधानसभा को पहला दलित नेता प्रतिपक्ष मिलेगा। कांग्रेस ने मंगलवार को जूली के साथ गोविंदसिंह डोटासरा के प्रदेशाध्यक्ष बने रहने की घोषणा की।
सोमवार सुबह से नेता प्रतिपक्ष के रूप में जूली का नाम चर्चा में था। हालांकि जूली के नाम पर मुहर लगने में 41 दिन लग गए, क्योंकि कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक 5 दिसंबर को ही हो गई थी। इधर, विधानसभा के पहले सत्र की बैठकें 19 जनवरी से फिर शुरू हो रही हैं। नेता प्रतिपक्ष घोषित होते ही विधानसभा की बिजनेस एडवाइजर कमेटी की बैठक के सदस्यों की घोषणा भी हो गई। जूली को भंवर जितेंद्र सिंह का नजदीकी माना जाता है।
फोकस लोकसभा चुनाव पर... पूर्वी राजस्थान के साथ जाट-दलित साधे
माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष व प्रदेशाध्यक्ष का निर्णय कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख किया है। चूंकि प्रदेश में भाजपा से मुख्यमंत्री पूर्वी राजस्थान से हैं। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष से इस क्षेत्र को साधा गया। इसके साथ ही जातिगत दलित और जाट का गणित भी बिठाया गया है।
तीन कारण... जूली के पक्ष में गए
विधानसभा में प्रश्नकाल सबसे महत्वपूर्ण है। कांग्रेस सरकार में जूली ने मंत्री रहते प्रश्नों के पूरी तैयारी से उत्तर दिए थे। पूरक प्रश्नों पर तुरंत उत्तर व बेबाक शैली भी उनके पक्ष में गई।
विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान कांग्रेस के लिए कमजोर कड़ी रहा। ऐसे में वहीं से एक बड़ा पद देना कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है।
लोकसभा चुनाव में जितेंद्र सिंह के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। रविवार और सोमवार को दिल्ली में राजस्थान से जुड़े नेताओं के बीच औपचारिक मुलाकातों में जूली का नाम आगे किया गया।
नेता प्रतिपक्ष होने का मतलब...
नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाता है। गाड़ी और मंत्री के बंगले की सुविधा के साथ विधानसभा में भी मंत्री के रूप में ही प्रोटोकॉल रहता है। विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष के कक्ष के साथ ही मंत्री की तरह संपूर्ण स्टाफ की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है। सदन में प्रश्नकाल व अन्य कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष को किसी भी समय बोलने का विशेषाधिकार रहता है।
इधर, भाजपा में नए संगठन महामंत्री के एलान का इंतजार, पड़ाेसी राज्याें से नया चेहरा संभव
चंद्रशेखर काे तेलंगाना प्रदेश संगठन महामंंत्री बनाए जाने के बाद राजस्थान भाजपा काे नए प्रदेश संगठन महामंत्री का इंतजार है। माना जा रहा है कि पड़ाेसी राज्य से किसी चेहरे काे जिम्मेदारी दी जा सकती है। चर्चा मध्यप्रदेश, बिहार तक के चेहरे की है। मालूम हो, संगठन महामंत्री काे छाेड़कर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जाेशी की टीम में 5 प्रदेश संगठन महामंत्री बनाए गए थे। इनमें भजनलाल सीएम, दीयाकुमारी डिप्टी सीएम हैं। जगबीर छापा, दामोदर अग्रवाल और मोतीलाल मीणा प्रदेश महामंत्री हैं।
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