कांग्रेस ने दलित नेता टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाने और गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष यथावत रखने के कारण अब भाजपा ने भी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को नहीं बदले जाने का फैसला कर लिया है। लोकसभा का चुनाव मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में ही भाजपा लड़ेगी और 25 सीटों का लक्ष्य को पाने के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गई है।
भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने के बाद सीपी जोशी की जगह की जगह किसी अन्य जाति के व्यक्ति को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की चर्चा थी। लेकिनअब परिस्थितियों में बदलाव आ गया है और सीपी जोशी को नहीं हटाए जाने के पीछे एक ही कारण है कि उन्होंने विधानसभा के चुनाव में निष्पक्ष और ईमानदारी के साथ पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया है। हालांकि विधानसभा के चुनाव में आंतरिक गुटबाजी के चलते पार्टी 115 सीटों पर चुनाव जीत पाई थी।
हालही में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा को हटाए जाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को बनाए रखने की जरूरत महसूस की गई है। यही कारण है कि सीपी जोशी के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव भाजपा लड़ेगी। पहले यह कहा जा रहा था कि जाटों को बनाने के लिए केंद्रीय कृषि कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी को इसकी कमान दे दी जाए। लेकिन कैलाश चौधरी ने बाड़मेर जैसलमेर से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करने के कारण उन्हें अब यह पद देना संभव नहीं लग रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सीपी जोशी को ही पार्टी की कमान रखने के पक्ष में है। मौजूद स्थिति में अगर प्रदेश अध्यक्ष बदला जाता है तो फिर संगठन को संभालना मुश्किल होगा।यही कारण है कि आप सीपी जोशी को ही प्रदेश अध्यक्ष पद पर कायम रखकर भाजपा लोकसभा का चुनाव लड़ेगी।हालाकी सीपी जोशी चित्तौड़ से चुनाव लोकसभा का लड़ेंगे।
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