3 साल के लंबे इंतजार के बाद 6 मार्च को जयपुर नगर निगम हेरिटेज की दूसरी साधारण सभा की बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में कुल 7 प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। इनमें पार्षदों को इलेक्ट्रिक व्हीकल देने, अवैध बूचड़खाने और मीट की दुकान हटाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स के गठन के साथ ही सफाई कर्मचारियों के लिए डिस्पेंसरी और जन औषधि केंद्र खोलने का प्रस्ताव शामिल हैं।
नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में इन 7 प्रस्ताव पर चर्चा होगी-:
बैठक में सभी मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा की जाएगी
नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि आम पार्षदों की राय के आधार पर साधारण सभा के 7 प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इन मुद्दों पर सभी जनप्रतिनिधियों के साथ सकारात्मक चर्चा की जाएगी। इससे जयपुर के विकास की रफ्तार को और तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही आम पार्षदों की समस्याओं पर भी साधारण सभा की बैठक में चर्चा करेंगे। ताकि जल्द से जल्द उनका समाधान हो और आम जनता को राहत मिल सके।
बजट पर चर्चा से पहले सरकार को भेज दिया
बीजेपी पार्षद कुसुम यादव ने कहा कि साधारण सभा की बैठक में बजट पर भी चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन मेयर मुनेश गुर्जर ने जान बूझकर ऐसा नहीं होने दिया। क्योंकि उन्हें डर था, पार्षद कहीं उनके भ्रष्टाचार पर अंकुश ना लगा दे। किसी घोटाले पर आपत्ति न दर्ज करा दे। यही वजह है कि उन्होंने साधारण सभा की बैठक की जानकारी होने के बावजूद उससे पहले ही सरकार को बजट भेज दिया। हमने नगर निगम के आयुक्त से मांग की है कि बजट प्रस्ताव पर साधारण सभा की बैठक में चर्चा हो, ताकि शहर की जनता को भी नगर निगम की हकीकत पता चल सके और आम जनता और पार्षदों की राय के आधार पर शहर के विकास की रीति नीति तय हो सके। अगर ऐसे नहीं हुआ तो साधारण सभा की बैठक में इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
3 साल में सिर्फ 1 साधारण सभा की बैठक हुई
नगर पालिका अधिनियम के तहत एक वर्ष में 6 बार बैठक बुलानी होती हैं। ऐसे में हर 60 दिन में एक बैठक बुलाने का प्रावधान है, लेकिन जयपुर नगर निगम हेरिटेज में पिछले 3 वर्ष में महज एक साधारण सभा की बैठक ही करा सका हैं। पार्षदों ने भी कई बार मुद्दा उठाया कि बैठक नहीं होने के कारण आमजन से जुड़े मुद्दों पर न तो चर्चा हो पा रही और न ही कोई योजनाओं की प्लानिंग की जा सकी। ऐसे में अब निगम के सभी पार्षदों को 6 मार्च का इंतजार है, ताकि आम जनता से जुड़े मुद्दों के साथ ही खुद को हो रही समस्याओं को सक्षम स्तर तक पहुंचा सके।
साधारण सभा की बैठक को लेकर कोर्ट गए थे पार्षद
दरअसल, साल 2020 में जयपुर में दो ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम बनाए गए थे। ग्रेटर निगम में अब तक 6 बार साधारण सभा की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। वहीं हेरिटेज में अब तक केवल एक बार ही साधारण सभा की बैठक बुलाई जा सकी हैं। यहां बजट के लिए भी हेरिटेज निगम साधारण सभा की बैठक नहीं कर सका है। आम पार्षदों द्वारा साधारण सभा की बैठक बुलाने के लिए कई बार धरना प्रदर्शन भी किया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद परेशान होकर इस मामले को लेकर कुछ पार्षद कोर्ट भी पहुंचे। जब हाईकोर्ट ने ही निगम प्रशासन को तत्काल बैठक बुलाने के लिए कहा। उसके बाद अब निगम हरकत में आया है। हालांकि अब तक नगर निगम हेरिटेज में वर्किंग कमेटियों का गठन भी नहीं हो सका है। ऐसे में अब पार्षद इस मुद्दे को भी कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।
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