जेडीए और बिल्डर्स ने मिलकर सरकार को करोड़ों रुपए का लग रहे हैं चूना,हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में मांगा जवाब

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए), मुकुंद गोयल और केडिया ग्रैंड होटल एंड पैलेस को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए पूछा कि बिना विक्रय पत्र के और बिना  विक्रय की राशि के संपत्ति का हस्तांतरण किस प्रकार कर दिया।हाई कोर्ट नेनोटिस का जवाब देने के लिए जेडीएऔर बिल्डर को 4 सप्ताह का समय दिया है। 

याचिका कर्ता के अधिवक्ता पूनम चंद भंडारीऔर वी डॉक्टर टी एन शर्मा ने न्यायालय में बहस करते हुए बताया कि सन 2006 में ग्राम गजसिंहपुरा तहसील अजमेर रोड जयपुर के खसरा नंबर 32, 33, 34, 35/1 व 35/2 पर 66 015 वर्ग गज कृषि भूमि को मुकुंद गोयल नाम के व्यक्ति ने जेडीए में सरेंडर करके 90 b के तहत 66015 वर्ग गज जमीन को आवासीय में परिवर्तन कराकर एकल पट्टा जयपुर विकास प्राधिकरण ने जारी किया और संपत्ति की रजिस्ट्री करवा दी और उसमें शर्त थी कि सिर्फ आवासीय काम में लिया जाएगा।

वर्ष 2020 में जेडीए से मिली भगत करके मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से प्रार्थना प्रस्तुत करके उस लीजडीड को जेडीए से मिलीभगत करके निरस्त करवा कर केडिया ग्रांड होटल्स एंड पैलेस लिमिटेड निदेशक गौरव केडिया के नाम से पट्टा प्राप्त कर लिया जिस पर मुख्यमंत्री आवास योजना और एक होटल का निर्माण किया जाएगा।

बड़े आश्चर्य की बात है कि जब एक बार पट्टे की रजिस्ट्री हो गई उसको कैंसिल करने का अधिकार जयपुर विकास प्राधिकरण को नहीं है। लेकिन मिलीभगत करके फर्जीवाड़ा करके डीड कैंसिल कर दी गई और उससे बड़ा फर्जीवाड़ा यह किया कि वह पट्टा केडिया ग्रैंड होटल्स एंड पैलेस के नाम जारी कर दिया गया। जबकि जयपुर विकास प्राधिकरण को कोई अधिकार नहीं है कि एक बार संपत्ति की रजिस्ट्री होने के बाद किसी दूसरे नाम पट्टा जारी किया जाए इस प्रकार सरकार को और आयकर विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया क्योंकि जब संपत्ति की रजिस्ट्री हो जाती है और दूसरे के नाम पट्टा जारी करना होता है तो उस संपत्ति को उसकी दूसरी पार्टी को बेचना पड़ता है और उस पर स्टांप ड्यूटी लगती है रकम का आदान-प्रदान होता है इनकम टैक्स भी देना पड़ता है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया बल्कि जेडीए से मिली भगत करके लीज डीड को कैंसिल करवाया और केडिया ग्रांट होटल एंड पैलेस के नाम स्थानांतरण कर दिया।

खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और भवन गोयल ने आश्चर्य व्यक्ति किया कि बिना भुगतान के संपत्ति का हस्तांतरण हो गया। अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि यह करोड़ों रुपए का घोटाला है। हाईकोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण, मुकुंद गोयल और केडिया होटल के निदेशक गौरव गोयल को नोटिस जारी किया और प्रकरण को चार सप्ताह बाद हाईकोर्ट में लगाने का आदेश दिया।

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