म्हारे देस की खेती में इस बार बात 5 किसान भाइयों की। जिनके एक आइडिया ने उन्हें दूर-दूर तक फेमस कर दिया। परिवार में 6 भाई हैं। एक भाई कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और बाकी 5 खेती से जुड़े हैं। बड़ा परिवार 13 बीघा के खेत में हाईब्रिड नर्सरी का काम कर रहा है।
इनका कहना है कि अलग-अलग नौकरी करते तो कुछ नहीं कर पाते, खेती ने हमें एकजुट और सम्पन्न किया। राजस्थान के झुंझुनूं शहर से जयपुर रोड पर करीब 47 किलोमीटर दूर नवलगढ़ कस्बे में इन भाइयों का माताजी नर्सरी उद्योग है। इस नर्सरी में हाईब्रिड सब्जियों की पौध बेची जाती है।
इतना ही नहीं चाहे किसान हो या आम लोग सभी को पौध के साथ इसे लगाने के सही तरीके और उसकी कैसे देखभाल की जाए ये भी समझाया जाता है। यहां डेली 35 से 40 हजार तक पौध बिकती है। फल, सब्जी और फूलों के यहां 1 करोड़ से ज्यादा पौधे हैं। खास बात ये कि हर पौधा सिर्फ 1 रुपए का है।
म्हारे देस की खेती में इस बार बात नवलगढ़ के किसान भाइयों की।
आप सब्जी लेने मार्केट में जाएंगे तो शायद 500 रुपए में भी थैला भर सब्जी न आए। नवलगढ़ की इस नर्सरी में आप मिर्च, टमाटर, गोभी, बैंगन या पसंदीदा सब्जी की पौध सिर्फ 1 रुपए में खरीदकर घर के गमले में लगा दें तो साल भर फ्री सब्जी मिलेगी। एक से डेढ़ महीने में गमले सब्जियों से भर जाएंगे। नर्सरी तैयार कर नवलगढ़ के ये भाई किचन गार्डन को भी प्रमोट कर रहे हैं।
नर्सरी में काम कर रहे सबसे छोटे भाई शिशुपाल सैनी (33) ने बताया नर्सरी में इस वक्त 7 से 8 वैराइटी के गेंदा की पौध है। यह पौध 1 रुपए 3 रुपए प्रति पौधा तक की है। इसके अलावा सब्जियों में मिर्च, बैंगन और टमाटर की पौध तैयार है। कुल एक करोड़ से ज्यादा की पौध हैं। हर पौधा 1 रुपए का है। पौध को गमले में लगाने के 45 दिन बाद यह फ्रूटिंग शुरू कर देता है।
पौध घर ले जाने से पहले गमला, लोन की क्यारी या खेत पहले से तैयार करना होता है। गमले में पौध लगानी है तो मिट्टी और सड़ा हुआ गोबर मिलाकर गमला पहले से तैयार रखें। इसी तरह लोन या खेत भी गहरी जुताई कर गोबर मिलाकर तैयार रखें। पौधा लगाकर हल्की सिंचाई करें। पौध 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक जीवित रहती है इसलिए यहां से पौध दूर के शहरों में भी जाती है।
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