एक्ट्रेस भाग्यश्री 'फिल्म मैंने प्यार किया' के जरिए बॉलीवुड में लॉन्च हुई थीं। इस फिल्म ने हिस्ट्री बना दी थी, लेकिन इस फिल्म को करने से पहले भाग्यश्री ने तीन शर्तें रखी थीं। सात बार स्क्रिप्ट में बदलाव करवाया था। एक अवॉर्ड समारोह में हिस्सा लेने जयपुर पहुंचीं भाग्यश्री ने भास्कर से अपने करियर और फिल्म जर्नी पर बात की। आगे पढ़िए भास्कर के साथ भाग्यश्री का पूरा इंटरव्यू...
सवाल : उस लम्हे के बारे में बताएं जब पता चला कि जयपुर आपका ससुराल है?
भाग्यश्री : लोग शादी का बंधन क्यों कहते हैं, मुझे तो शादी में आजादी नजर आ रही है, क्योंकि मेरे सास-ससुर आधुनिक सोच के थे। उन्होंने हमेशा कहा कि एक औरत की जगह सिर्फ रसोई में नहीं होनी चाहिए। हमेशा सपोर्ट किया। बाहर काम करना चाहती तो उसमें मेरा साथ दिया। मेरी सासू मां की बात हो या ससुर की, वे हमेशा साथ देते थे। वे कहते थे कि शादी के बाद सिर्फ साड़ियां क्यों पहनती हो, तुम तो यंग हो। तुम्हें गाउन भी पहनना चाहिए, अलग-अलग ड्रेस पहननी चाहिए। उस वक्त मेरे घरवालों और साथ वालों को यही टेंशन थी कि मेरी शादी मारवाड़ी फैमिली में हो रही है। जहां शादी के बाद लड़कियां घर में बंध जाती हैं, लेकिन मेरे साथ ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। इसलिए यहां से खास जुड़ाव है।
सवाल: आपके प्यार की कहानी को जानना चाहेंगे, कब पहली मुलाकात हुई और किसने शादी के लिए प्रपोज किया?
भाग्यश्री-: हिमालय (भाग्यश्री के पति) और मैं साथ में एक स्कूल में पढ़ते थे। वहां हमारा साथ बना। मेरी फिल्म का एक डायलॉग है कि एक लड़का-लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते। हम बहुत अच्छे दोस्त थे। स्कूल में मेरी मैथ्स बहुत खराब थी, बाकी सारे सब्जेक्ट में फर्स्ट आया करती थी। मैथ्स बिल्कुल समझ में नहीं आता था। इसलिए मैंने बोर्ड एग्जाम के लिए हिमालय जी की मदद ली। उसमें सफल हुई। फिर मुझे लगा कि गिनती में दो और दो चार होने चाहिए, ऐसे में हमारी आंखें भी दो और दो चार हो गईं। मैथ्स सीखने-सीखने में हमारी प्रेम कहानी भी आकार लेने लग गई। यहां से हम फिर शादी के रिश्ते तक पहुंच गए।
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